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*सावन का प्रारम्भ और निलकंठेशवर मे धुम महादेव की जय जय कार निलकंठेशवर भक्ति धाम की *अनेको सत्य कथाए भक्तो मे भक्ति भाव के लिए प्रेरित करती है*

लोकेशन विजयराघवगढ़

कटनी से सौरभ श्रीवास्तव की रिपोर्ट

 

 

विजयराघवगढ़ सलैया पडखुरी निलकंठेशवर भक्ति धाम जो महादेव के श्रीचरणों मे समर्पित है महादेव का प्रमुख स्थान माना जाता है। महादेव के साथ साथ अनेको देवी देवताओं का मंदिर भी सुसज्जित है जो आकर्षण का केंद्र बना है। इस धार्मिक स्थल पर निरंतर सावन के प्रथम दिन से ही महाशिवरात्रि तक प्रति दिन धार्मिक आयोजन होते हैं। निलकंठेशवर भक्ति धाम के संचालक मदनलाल ग्रोवर बाबू ग्रोवर द्वारा मंदिर की पूजा पाठ के लिए दर्जनों पंडित देवी देवताओं की सेवा मे जुटे रहते हैं सैकडो कर्मचारी मंदिर की साफ-सफाई से लेकर सुरक्षा व साज सज्जा का कार्य करते है प्रातः काल से भोलेनाथ की प्रतिदिन शिवलिंग निर्माण अविशेख के साथ अखंड रामायण पाठ कई महिनों तक चलता है। निलकंठेशवर भक्ति धाम के आसपास की महिलाए सावन सोमवार की खुशी मनाने मंदिर प्रांगण मे एकत्र होती है और बडी उत्सुकता के साथ धार्मिक गीत संगीत के साथ भगवान के समक्ष ऎसे ऎसे गीत प्रस्तुत करती है जिससे यह प्रतीत होता है कि महिलाओं की भक्ति कितनी अटूट है। सावन माह पर निलकंठेशवर भक्ति धाम मे रोजाना दूर दराज से भक्तो का आना जाना लगा रहता है भक्ति भाव मे ओतप्रोत निलकंठेशवर भक्ति धाम महादेव की नगरी के नाम से प्रशिद्ध है। धाम को स्थापित करने वाले मदनलाल ग्रोवर बाबू ग्रोवर रुद्राक्ष ग्रोवर निलकंठेशवर भक्ति धाम के आयोजन मे कही कोई कसर नही छोडते बल्कि कार्यक्रम को प्रति वर्ष अधिक से अधिक भव्यता के साथ भोलेनाथ के श्रीचरणों मे प्रस्तुत करते हैं। सावन के प्रथम दिन से प्रारंभ होकर महाशिवरात्रि तक प्रतिदिन बडे ही हर्षोल्लास के साथ कार्यक्रम आयोजन का समापन किया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व एक खास स्वरूप के साथ मनाई जाती है दिपावली की तरह मंदिर के साथ सम्पूर्ण प्रांगण की दुल्हन की तरह सजाया जाता है। खास महाशिवरात्रि को ही संगीतमय अखंड रामायण किर्तन आदी सभी कार्यक्रमों का समापन पूर्णाहुति के साथ किया जाता है तथा महाशिवरात्रि के दूसरे दिन विशाल भंडारे का आयोजन संगीतमय वातावरण के साथ विशेष गायकों की उपस्थिति मे कराया जाता है। इस आयोजन के संरक्षक छेत्री विधायक संजय सत्येंद्र पाठक होते हैं उनकी उपस्थिति मे यह आयोजन का आगाज व समापन किया जाता है। भक्ति भाव का केंद्र विंदु बना निलकंठेशवर भक्ति धाम कटनी जिले मे स्थापित है किन्तु इस मंदिर के देवी देवताओं की पताखा अनेको प्रदेश तक गुंजमान है। इस मंदिर तक पहुचने व भोलेनाथ के दर्शन के साथ फल प्राप्ति की अनेको कहानियां भक्तो मे चर्चा का विषय बनी हुई है। मंदिर के संचालक खुद भोलेनाथ की कृपा पात्र बने हुए। आज भी मदनलाल ग्रोवर जी अपना परिचय एक फकिर के रूप मे देते हैं। भक्ति भाव मे डुबा ग्रोबर परिवार भोलेनाथ की कृपा से जगजाहिर है।

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